तथागत गौतम बुद्ध ने कहा है कि इस संसार में ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जो दु:ख से कभी बचा हो
इन सात प्रकार के दु:खों से मनुष्य को गुजरना पड़ता है,
1. इस संसार में जन्म लेना दु:ख है,
2. बीमार होना दु:ख है,
3. बूढ़ा होना दु:ख है,
4. मृत्यु को प्राप्त होना दु:ख है,
5. प्रिय व्यक्ति से अलग होना दु:ख है,
6. अप्रिय व्यक्ति से मिलना दु:ख है,
7. इच्छाओं की पूर्ति ना होना भी दु:ख है।
तथागत के बताए ये 7 दु:ख हमारे जीवन किसी न किसी प्रकार से, चाहे बचपन में, चाहे जवानी में या फिर बुढ़ापे में ही क्यों ना हो दु:ख तो हमेशा रहेगा इस वैज्ञानिकता से परिपूर्ण बात को तथागत ने आज से 2600 साल पूर्व कहा था।
मृत्यु से वही डरता है जो हमेशा मृत्यु की बात करता है और जो व्यक्ति जीवन की सत्यता को भली-भांति जान जाता है वह ना तो बीमारी से डरता है, ना बुढ़ापे से डरता है ना मृत्यु से डरता है और ना ही अपनों को खोने से डरता है…. क्योंकि सत्य तो सत्य है, भूतकाल में भी, वर्तमान काल में भी और भविष्य काल में भी। निरंतर उद्वभव और विनाश (परिवर्तन) ही प्रकृती का नियम है। जो इस सत्य को स्वीकार कर लेता है वह अपने दुखों से दूर हो जाता है
इसीलिए अपने जीवन को परिवर्तन के नियम के अनुसार जियें क्योंकि जो व्यक्ति परिवर्तन के नियम को जानता है वहां व्यक्ति कभी भी मृत्यु से नही डरता।
🌹अपने स्वामी स्वयं बनो🌹
🙏 सब का मंगल हो, सब का भला हो 🙏
👌 सभी सुखी रहेँ, स्वस्थ रहेँ 👌
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