गौतम बुद्ध के लिए तीन शब्दों का बहुधा प्रयोग होता है।
1.तथागत
2.भगवा (भगवान)
3.बुद्ध
तथागत क्यों कहते हैं?
1.तथागत:
तथागत क्यों कहते हैं?
तथ्य + आगत + = तथागत
तथ्य — सत्य (सचाई)
आगत — अवगत (सचेत, आगाह करना )
तथ्य के साथ सच्चाई से अवगत करने वाले ‘बुद्ध’ तथागत कहे जाते हैं
“तथागत” पालि भाषा का लफ्ज़ है जिसका मतलब यथाचारी या तथाचारी है।
अर्थात, जिस प्रकार बोली (बोलना) ठीक उसी तरह ही अमल या कार्य करना। भगवान बुद्ध मनुष्यों की क्षमता के से परे होकर कभी नहीं बोलते. तथागत जो जो बोलते है, वो खुद के व्यवहार से प्रामाणिक करते थे, और जो खुद से प्रैक्टल करते थे, वो ही वे बोलते थे. इसलिए भगवान बुद्ध को “तथागत” इस नाम संबोधित किया जाता हैं।
भगवान क्यों कहते हैं?
2. भगवा (भगवान)
भगवा शब्द से भगवन्, भगवान बना है।
भगवान क्यों कहते हैं?
“भगवान” बुद्ध धर्म में ‘भगवान’ का मतलब ईश्वर या परमेश्वर नहीं हैं।
भगवान जैसा शब्द सबसे पहले बौद्ध पुस्तकों में पाया जाता है, बाद में यह शब्द हिन्दू ग्रंथो में अलग मतलब से प्रयोजित किया जाने लगा।
भगवान का अर्थ
भग्ग + वान = भगवान
भग्ग — भंजन (नष्ट) करना
वान — तृष्णा (वासना)
जिस मानव ने जीवन में की सभी तृष्णांओ एवं वासनाओं,
अहिंसा का भंजन या तृष्णा नष्ट की है, उस महान मनुष्य को ‘भगवान’ कहां जाता हैं।
“भग्ग रागो, भग्न मोहो, भग्ग दोसो अनासवो। भग्गस्स पापका धम्मा भगवातेनपाऊच्चित ।”
इसका अर्थ है-
जिस मनुष्य ने राग, मोह, द्वेष एवं तृष्णा इनको नष्ट करके संपूर्ण जीवन अकुशल कर्म और चित्त का नाश किया हैं, उस कुशलकर्मी महापुरूष को ‘भगवान’ कहा जाता हैं।
इसलिए बुद्ध को अनुसरण करने वाले बुद्ध को “भगवान बुद्ध” भी कहते है, परन्तु यथार्थ में ‘बुद्ध’ से ज्यादा प्रतिष्ठित एवं गौरवपूर्ण नाम या लफ्ज़ दुनिया में कोई और नहीं है, इसलिए बुद्ध नाम के साथ/आगे “भगवान”, ‘महात्मा’ या अन्य कोई गौरवपूर्ण शब्द लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
3. बुद्ध :
बुद्ध का क्या अर्थ है?
बुद्ध शब्द यह किसी विशेष व्यक्ति का नाम अथवा कोई पोस्ट नहीं हैं। वह मन की ऐसी अवस्था या स्थिति का नाम हैं। जो चित्त के ऐसी भाव की, जो मानसिक उन्नति के सबसे ऊँचे स्थान पर पहुँची हुई हैं। बुद्ध का अर्थ जिसे सम्यक (सही) संबोधी (ज्ञान) हासिल हुई हैं।
ऐसा सम्यक संबुद्ध की, जिन्हें पूरी तरह ज्ञान हासिल हुआ हैं। जो अपने आपका और सारे संसार की भलाई कर करता हैं। पाली भाषा में इसे सर्वज्ञ (अमर्यादित ज्ञानी) कहते हैं। बुद्ध मतलब अनन्त आसमान के जैसे अनन्त ज्ञानी एवं महाकारूणावान ।।
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