February 23, 2025

Buddhist Bharat

Buddhism In India

हो सके तो मुझे समय लाकर दो – बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम

” हो सके तो मुझे समय लाकर दो “
मेरे अकेले के अगर बौद्ध बनने से डॉ बाबासाहेब आंबेडकरजी का सपना ” मै सारा भारत बौद्ध करूँगा ” पूरा होता होगा तो फिर मुझे क्या दिक्कत है ? मै आज ही अपने सर के बाल मुंडवा लेता हु, भगवा चिवर पहन लेता हु और हाथ में भिक्षापात्र लेकर बुद्धं शरणं गच्छामि कहते हुए भिक्षा मांगते फिरता हु, तो क्या ऐसा करने से बाबा का मै सारा भारत बौद्ध करूँगा यह सपना पूरा हो जायेगा ? बाबासाहब को धम्म प्रवर्तन करने के पहले अपने समाज के लोगोकी मानसिकता बनाने के लिए 21 साल लगे तब कही जाकर वे केवल महाराष्ट्राके महार जाती के पांच लाख लोगो को नागपुर में 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धम्म की दिक्षा दे पाये ।

मै तो कांशीराम हु, मेरा पेट पांच लाख से नहीं भरता है। मै तो उत्तर भारत के सात राज्यों के बहुजन समाज के लोगोको बौद्ध धम्म की दीक्षा लेने के लिये 1979 से प्रयास कर रहा हु और अब बड़ी मात्रा में उनकी मानसिकता तैयार हो रही है।
लेकिन क्या मै आज ही बौद्ध धम्म की दिक्षा लेनेसे ये सब कर पाउँगा ? मुझे भी समय चाहिये।
परंतु मेरे पास समय की बहुत कमी है और काम करने बहुत पड़े है।

डॉ बाबासाहब आंबेडकरजी का सपना पूरा करने के लिए मुझे दावादारू की जरुरत नहीं है। हो सके तो मुझे समय लाकर दो क्यों की मेरे पास समय की बहुत कमी है और काम करने बहुत बाकी है। ”
– बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम