👉 बौद्ध धम्म के अनुयाई ध्यान दें🙏🙏🙏
भारत में बुध्द विहार बनाना आसान है किंतु उन्हें दीर्घकल तक बौद्ध धम्म विरोधी तत्वों से बचाना सुरक्षित रखना असंभव है क्योंकि भारत के चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान के द्वारा बनाए गए 84000 बुध्द विहारों को हम नहीं बचा पाए उनमें से अधिकांश को नष्ट कर दिया गया और कुछ पर जबरन बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया।
भारत में बौध्दो के धर्मस्थल “बुध्द विहार” को आज भी मंदिर एवं टेंपल कहा जाता है और लिखा जाता है जबकि अन्य धर्मों के धर्म स्थलों को क्रमशः गिरजाघर, गुरुद्वारा, चर्च, मस्जिद, मंदिर के रूप में अपनी स्वतंत्र पहचान है।
1947 के बाद भी अधिकांश बौद्ध विहारों (स्मारकों) पर भारतीय पुरातत्व संरक्षण ने कब्जा कर लिया इसके अलावा केदारनाथ, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, तिरुपति बालाजी,बुद्धगया, सोमनाथ गुजरात के बुध्द विहारों में बौद्ध धम्म विरोधी तत्वों का आज भी कब्जा है।
इसका मुख्य कारण यह है कि भारत में बुध्द विहारों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर “बुद्ध विहारा मोनेस्ट्री एक्ट” अभी तक नहीं बनाया जा सका है इसीलिए बुध्द विहार बनाना आसान है, किंतु दीर्घकाल तक बचाना मुश्किल है।
बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति,भारत के माध्यम से हमारा आग्रह है कि देश के बौद्ध विद्वान, अधिवक्ता एवं पूज्य भिक्खु संघ संयुक्त रूप से मिलकर (1) – दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक एक्ट -1971 ( 2) – प्राचीन संस्मारक तथा पुरात्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम – 1958 (3) – वक्फ अधिनियम-1995 को पढ़कर- समझ कर हमें अपना इसी तर्ज पर “बुद्ध विहारा मोनेस्ट्री-एक्ट का अन्तिम मसौदा” ( ड्राफ्ट) को बनाकर 9वी राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया में आगामी 25 अक्टूबर 2021 को चर्चा के लिए रखना है।
अतः हम भारत के बौद्ध अधिवक्ताओं, विद्वानों, बौद्ध चिंतकों एवं पूज्य भिक्खु संघ से अपील करते हैं कि आप अपने “सुझाव एवं प्रस्ताव प्रारूप” लिखित रूप से हमारे केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली एवं मुख्यालय, महाबोधि मेडिटेशन सेंटर, सुजाता बायपास रोड, बुध्दगया, जिला गया-824231 (बिहार) को लिखित रूप से भेजें अथवा 25 से 28 अक्टूबर 2021 को होने वाली चार दिवसीय आगामी “9वी राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया के खुले सत्र की चर्चा में भाग लेकर मार्गदर्शन करें।
9वी राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया में “बुध्द विहारा मोनेस्ट्री एक्ट का प्रस्ताव” पारित होने के बाद इसे बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत के माध्यम से विधि आयोग नई दिल्ली, संसदीय याचिका समिति, लोकसभा एवं राज्यसभा तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार को एक्ट के रूप में कानूनी मान्यता के लिए भेजा जाएगा।
भवतु सब्ब मंगलं🌷🌷🌷🌷🌷
धम्माकांक्षी
अभय रत्न बौद्ध
राष्ट्रीय समन्वयक एवं संगठक
बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत
मुख्यालय: महाबोधि मेडिटेशन सेंटर, सुजाता बाईपास रोड,बुध्दगया, जिला गया-824231( बिहार)
केंद्रीय कार्यालय: बुध्द कुटीर,284/ सी-1, स्ट्रीट नंबर- 8, नेहरू नगर,नई दिल्ली-110008
संपर्क:9540563465 ,9899853744
E-mail:argautam48@gmail.com
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