बोधिसत्त्व राम को ही ध्यान में रखकर रामायण का राम पात्र ब्राह्मणों ने बनाया है।
अपने पिता के मृत्यु पर शोकाकुल भाईयो को बोधिसत्त्व राम दस धम्म उपदेश करते है, वह पाली भाषा में है। वही उपदेश जैसे के वैसे रामायण में राम के मुह से बताए गए है फर्क केवल भाषाका है ,वह संस्कृत में जैसे के वैसे अनुवाद किये है। दशरथ जातक कथा की चोरी करके रामायण रचा गया है। जब सभी जातकों का अनुवाद अंग्रेजी में किया गया था तब सन 1871 में दशरथ जातक को अलग से एक किताब की शक्ल में प्रकाशित किया गया था।
जिसका शीर्षक यह था- “The Dasaratha-Jataka-Being The Buddhist Story Of King Rama (1871)” जिसका संपादन V. Fausboll ने किया था। उसकी प्रस्तावना में यह बात स्वीकार की गई थी कि दशरथ जातक से ही रामायण को ब्राह्मणों ने बनाया है। प्रो.विलास खरात की किताब “रामायण,महाभारत,मनुस्मृति, भगवदगीता ब्राह्मणों के संगठित हिंसा के प्रतीक” से और ज्यादा स्पष्ठ किया गया है, कि रामायण यह कैसे जातकों की चोरी करके बनाया गया है। साथ ही महाभारत भी जातकों की चोरी करके रचा गया है। साथ ही ढेर सारे पुरतात्विय प्रमाणों से सिद्ध किया गया है कि अयोध्या साकेत है, और वह बुद्ध भूमि है। आजकल ब्राम्हणवादी लोग बिना वजह देश का माहौल खराब कर रहे है, और लोकतंत्र में बड़े पदों पर आसीन लोगो का इस्तेमाल करके अलग ही मुद्दों पर चर्चा कारवां रहे है।
लेकिन सच्चाई ठीक से जाननी है तो इस किताब की PDF हम फिर से सार्वजनिक कर रहे है। निचे दी गई Link से आप PDF File डाउनलोड कर सकते है। साथ में इस लिंक द्वारा किताब को इसी वेबसाइट पर किताब की तरह ऑनलाइन पढ़ भी सकते है। सच्चाई को जानना और समझना होगा, इसलिए इसे डाउनलोड करे और पढ़े तथा ब्राम्हणवाद से मुक्त हो। साथ ही इस PDF को अपने साथी, रिश्तेदार, दोस्तो को शेयर करे। धन्यवाद।
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